सामणियो
सामणियो
कांधे कांवड उठा ले यार आयो सामणियो
पड़ रही बुंदा की फुहार आयो सामणियो
आज भंग तू घुटाले आज भंग तू चढ़ा ले
आज सामण रा दिन चार आयो सामणियो
कांधे
पड़ रही....
1
ढोल मजीरे बाजे भाजे संग रे आज चढ़ी तन मन भंग रे
झूम झूम सब नाचो गाओ भर भर लोटे भंग के चढ़ाओ
है भंग भरा त्योहार है भंग भरा त्योहार आयो सामणियो
कांधे
पड़....
2
बम भोले _बम भोले
गोरा भांग बड़ी हरियाली उठा के कुंडी में डाली
गोरा लगाकर घोटा जल्दी भर दे भोलेनाथ की प्याली
मीठा-मीठा तू से बोले काना मैं मिश्री सी घोले भोले नाथ हो
गोरा नू तो मुझे बता कहां यह डीजे बाज रहा सुन रहे रोले हो
कावड़ियों की लगी कतार आयो सामाणियो
कांधे
पड़ रही.....
3
अब भंगिया को छोड़ दो भोले
भक्तों की भर दो अब तुम झोली
सूरज शालू रोज ना जाए थोड़ी दया दिखा दो भोले अब खाली
जो सच्चे दिल से आता है वह मनचाहा फल पाता है
मैंने दिल से अपनाया
कावड़ लावा बार-बार आयो सामाणियो
मैंने गले लगा ले यार आयो फागणियो गाने की तर्ज पर भोलेनाथ का भजन
