सादगी
सादगी
सहजता थी, सादगी थी,
बड़ी सरल जिन्दगी थी।
यद्यपि गरीबी थी,
खुशहाल जिंदगी थी।
भोर में निकलती रामधुन,
सायंकाल आरती थी।
पोस्टकार्ड का था जमाना,
मोबाइल तब नहीं था।
नानी-दादी की कहानी,
सत्तू का क्या मजा था।
थे आलू के परांठे,
था आम का अचार।
साथ मनाते थे सब,
तीज और त्योहार।।
