रूहानी इश्क़
रूहानी इश्क़
अब के मिलो तो मेरे माथे को चूम कर
मेरी रूह को गले से लगा लेना
कुछ इश्क़इया धब्बे है तुम्हारे नाम के मेरे दामन में
उन्हे अपनी सफेद रंग की कुर्ती पर सजा लेना
और फिर मेरे हाथ को पकड़ कर ले जाना
मुझे किसी अजनबी दुनिया में
एक ऐसी दुनिया में जहाँ क़यामत की
चीख से शुरुआत होती हो खुशी की
जहाँ मस्तिष्क के कानो में
सिर्फ इश्क़ की बोली गूंजती हो
जहाँ मौत भी तकिया लगाए
आराम का गाना गाती हो
और दिल सिर्फ प्रेमीयो के
मिलन पर धड़कता हो
ये ऐसी जगह होनी चाहिए जहाँ रातों में
रौशनी का अवकाश होता हो
और दिन में जश्न मनाए जाते हो
जहाँ विरह का दुख और मिलन का आनंद
शाम सा हो के दिन और रात दोनों को मिला देते हो
जहाँ परम्परा को त्याग दिया जाता हो और
इश्क़ को देहलीज़ो मे कैद न किया जाता हो
और एक बहुत बड़ा दिल का का़बा होना चाहिए
वहाँ पर ताकि प्रेम सजदे की पाबंदी कर दी जाए
सुनो अब के मिलो तो मेरे माथे पर चूम कर
मेरी रूह को गले से लगा लेना....