प्रेम कहानी
प्रेम कहानी


कोरे कागज ने
कलम से कहा,
आज मुझे अपनी प्रेम की
स्याही में भिगो दे,
बरसों से सूखा पड़ा है
ये दिल तेरी याद में,
भर दे मुझमें मेरे प्रश्नों के वो
सारे उत्तर जिनकी राहें में
आज भी देखा करता हूँ,
अच्छा लगता है
मुझे तेरा वो रुठना
और कुछ सोच कर
मुझसे फिर लिपट जाना,
तेरी वो नुकीली चाल
और स्याही सा टपकता प्रेम
सचमुच बहुत कातिलाना है।
तेरा और मेरा रिश्ता ही
कुछ ऐसा है कि मैं
तुम्हारे और तुम मेरे
बिना आधुरी हो,
मेरे खालीपन को
खूबसूरत अल्फाज़ों से
भरने के लिए शुक्रिया।