अब के बिछड़े
अब के बिछड़े
ये सुहानी मौसम और ये मस्त नझारा,
हमने मिलकर गाया था प्यार का तराना,
ये मधुर मिलन को हम न भूल पायेंगे,
अब के बिछड़े हम कहाँ मिल पायेगे।
ये खूबसूरत चमकता हुआ तेरा चेहरा,
तेरी कजरारे नैनों से जाम का छलकाना,
ये छलकते ज़ाम को हम न भूल पायेंगे,
अब के बिछड़े हम कहाँ मिल पायेंगे?
ये सावन की घटा में मीठी बाते करना,
मेरी बांहों में सिमटकर तेरा मदहोश बनना,
ये तेरी मदहोशी को हम न भूल पायेंगे,
अब के बिछड़े हम कहाँ मिल पायेंगे?
ये शरद की रात में तेरा और मेरा मिलना,
"मुरली" की मधुर धुन में तेरा मग्न होना,
ये इश्क की धुन को कभी न भूल पायेंगे,
अब के बिछड़े हम कहां मिल पायेंगे?

