अब मुझे बुढ़ापा आ रहा है
अब मुझे बुढ़ापा आ रहा है
हर पल मुझको कैसे सता रहा है
दूर खड़ा वो मुझे चीड़ा रहा है
मुझ को बुढ़ापा आ रहा है।
बचपन युवा जवानी की सीढ़ियाँ चढ़
आगे बढ़ा जा रहा है
वो उम्र का सूरज ढला जा रहा है।
सफेद बालों के पीछे खड़ा इतरा रहा है
अब मुझ को बुढ़ापा आ रहा है।
साँसों का बंधन रेत सा
हाथों से फिसला जा रहा है
ये कैसे मुझे रुला रहा है
हर पल मुझे डरा रहा है।
जितना दूर जा रहा हूँ इससे
ये उतना करीब आता जा रहा है
मुझ को बुढ़ापा आ रहा है
मेरी साँसें छीन के ले जा रहा है।
देखो उसको वो मेरी तरफ
दौड़ा चला आ रहा है
मुझ को बुढ़ापा आ रहा है..।