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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"भारत माँ आजाद कराने चले"

"भारत माँ आजाद कराने चले"

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भारत मां को आजाद कराने चले

फिरंगियों से दो-दो हाथ करने चले

माटी के 1लिए कोई बना, क्रांतिकारी

किसी ने चलाएं, माटी के लिए चरखे


ऐसे ही नही हुए थे, हम लोग आजाद

मातृभूमि खातिर, शहीद हुए कई लाल

भगत, सुख, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद

अशफाकउल्ला, लाल, पाल ओर बाल


कई नाम गुमनामी अंधेरे में खो, चले

जो दीपक बनकर माटी के लिए, जले

आखिर सांस तो वो तो अंग्रेजों से लड़े

फांसी पर भी वो तो मुस्कुराते हुए चढ़े


स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें, याद कर चले

जिनकी कारण, हम आजाद हवा में पले

इसबार, हम घर-घर तिरंगा लहराकर चले

वो भी देखे, फलक से उन्हें भी सुकून मिले



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