STORYMIRROR

Ridima Hotwani

Romance Fantasy

3  

Ridima Hotwani

Romance Fantasy

रुठ जो जाओगे तुम।

रुठ जो जाओगे तुम।

1 min
302

रुठ जो जाओगे तुम 

तो बतिया किससे करेंगे हम

क्या तुम्हें नहीं सालेगा,

मेरा हरा सा जख़्म,

बेरुखी जो इतनी रखोगे,

तो कैसे जी सकेंगे हम,

जो हम ही ना रहे तो

जीकर भी क्या खुश रह सकोगे तुम।।


इश्क में ये इतने फासले, सनम! अच्छे नहीं

जो एक बार खो गए, तो फिर ढूंढने पर भी, मिलेंगे नहीं,

जो साथ चलना है तो हाथ कस के पकड़ लो

हाथ छुड़ा के तो साथ चल सकेंगे नहीं।


इश्क किया है तो निभाना तो पड़ेगा,

झूठे से वादे तो इश्क में कभी फलते नहीं,

कुछ आगे बढ़ो तुम, कुछ कदम हम बढ़ा देते हैं

अलग-अलग कदमों से तो दायरे कभी सिमटते नहीं।


चलो! रुठना ही है तो रुठ ही जाओ,

तुम्हारे सारे नखरे भी सह लेंगे हम,

पर, मनाने पर मान भी तो, जाओ ना

मान- मनौव्वल पर भी, जो ना मानोगे,

और फिर, जो हम भी रुठ गए, तो

इश्क फिर, किससे, जतलाओगे तुम


लौट आओ! मिल के ही तो इश्क को 

मुकम्मल कर पाएंगे,

मिल कर मोहब्बत से तुम और हम,

हर पल और हर दम।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance