रंगों की बौछार
रंगों की बौछार
होली है भई होली है,
रंगों की बौछार तो होनी है,
भीगो रंगों में सराबोर ,
हो हृदय प्रेम से भरपूर।
होलिका की तरह जल जाए,
सभी के मन से राग और द्वेष ,
ऊॅंच - नीच , अमीरी - गरीबी
का कोई भेद - भाव न हो।
नये कपड़े खुद पहनो
और पहनाओ गरीबों को भी।
बनाओ मीठे स्वादिष्ट पकवान
पूआ , रसगुल्ले, रबड़ी, लड्डू।
जिसके सुगंध से महके ,
सारी की सारी नगरी ,
मिल -बाॅंट कर खाऍंगे हम
भरेंगे पेट रूपी गगरी।
आओ हम सब मिलकर मनाऍं,
रंग - बिरंगी बौछार की तरह
मनभावन शुभकामनाओं की
नये विचारों की हार्दिक होली।