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Padma Verma

Classics

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Padma Verma

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रंगों की बौछार

रंगों की बौछार

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होली है भई होली है,

रंगों की बौछार तो होनी है,

भीगो रंगों में सराबोर ,

 हो हृदय प्रेम से भरपूर।


होलिका की तरह जल जाए,

सभी के मन से राग और द्वेष ,

ऊॅंच - नीच , अमीरी - गरीबी

का कोई भेद - भाव न हो।


 नये कपड़े खुद पहनो 

 और पहनाओ गरीबों को भी।

 बनाओ मीठे स्वादिष्ट पकवान

 पूआ , रसगुल्ले, रबड़ी, लड्डू।


 जिसके सुगंध से महके ,

 सारी की सारी नगरी ,

 मिल -बाॅंट कर खाऍंगे हम

 भरेंगे पेट रूपी गगरी।


आओ हम सब मिलकर मनाऍं,

रंग - बिरंगी बौछार की तरह

मनभावन शुभकामनाओं की

नये विचारों की हार्दिक होली।


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