प्यार प्यार है
प्यार प्यार है
प्यार प्यार है, अंग-अंग सराबोर होता है,
प्यार का न ओर-छोर, चारो ओर होता है।
लोगों को कहते सुना प्यार के रंग हजार,
हमने तो बस प्यार ही प्यार देखा हर बार
प्यार का न कोई होता है आकार-प्रकार,
किसी संग किसी भी रूपअनूप होता प्यार
मां-बच्चे , भाई-बहन का, पति-पत्नी का,
अशर्त समर्पण का बहता स्त्रोत होता है।
जांत-पांत, धन-धर्म से रंच फर्क न होता,
बिन भाषा-बोली प्यार का दीदार होता।
गहन स्नेह तीव्रानुभूति दिल की प्यास है,
जीवन की मिठास व निश्छल विश्वास है।
प्यार अनुरक्ति, आराधना, साधना भक्ति,
गर्माहट, आत्मीयता, कोमलता आसक्ति।
समझ, सम्मान, सुरक्षित अनोखा स्पन्दन,
सुरभित करने वाला तन-मन का चन्दन।
प्यार चिंता, मित्रता, सुहृदता, निःस्वार्थता,
वात्सल्य, प्रणय, रोमांस, अनकही बाध्यता
प्यार शब्दों में नहीं है बांधा जा सकता ,
परिभाषित कर नाम न दिया जा सकता।
नयन चमक , सांसों की सरगमी महक,
आहट पा ही तन-मन, भरती एक पुलक।
प्यार परिमाण न्यूनाधिक कभी न होता,
राधा-मोहन, मीरा सा निस्वार्थ भाव होता
बोता है प्यार तो बस प्यार का ही संसार,
बिनप्यार जिन्दगी, नीरस, अधूरी, बेकरार।