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Anil Jaswal

Classics

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Anil Jaswal

Classics

देश की आन‌ बान और‌ शान

देश की आन‌ बान और‌ शान

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भारतीय सपूत,

भिड़ गए,

विदेशी आक्रमणकारियों से,

उठा लिए हथियार,

मातृ भुमि की,

सुरक्षा के लिए।


जो भी विदेशी आक्रमणकारी सामने आया,

काट डाला,

रौंद डाला,

कुचल डाला,

मातृ भूमि के लिए,

सबकुछ न्यौछावर कर डाला।


कुछ ऐसे भी यौद्वा,

एक हाथ कट गया,

तो देश की सुरक्षा के लिए,

होंसला और बढ़ गया।

दूसरा हाथ में,

आ गया भाला,

लेकिन शत्रु पर,

निशाना अचूक,

जब बचे हाथ है फैंका,

तो अपना पुरा,

हिसाब किताब करके छोड़ा।


ऐसा जज्बा,

कहां देखने को मिलता,

ये तो,

मां भारती के सपूतों में ही,

करिश्मा होता।


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