उन धवल श्वेत से वस्त्रों में वह ईश्वर की जीवित मूर्ति नजर आते हैं।। उन धवल श्वेत से वस्त्रों में वह ईश्वर की जीवित मूर्ति नजर आते हैं।।
तो मैं भी गर्व से कहता, काश सुपरमैन, हमारे देश का नेता होता।। तो मैं भी गर्व से कहता, काश सुपरमैन, हमारे देश का नेता होता।।
आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं। आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं।
कंधो की कमी को हमने पूरा किया हर एक को अपने अपना कंधा दिया । कंधो की कमी को हमने पूरा किया हर एक को अपने अपना कंधा दिया ।
देह की सीमा से परे स्पंदित मन सांसों में पलता है वसंत। देह की सीमा से परे स्पंदित मन सांसों में पलता है वसंत।
अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई। अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई।