सो रही है मोना निश्चिंत, अब मम्मी पापा के बीच में। सो रही है मोना निश्चिंत, अब मम्मी पापा के बीच में।
पल में मिट जायेंगी रुसवाइयाँ छूट जायेंगे पीछे तुम्हें दबानेवाले पल में मिट जायेंगी रुसवाइयाँ छूट जायेंगे पीछे तुम्हें दबानेवाले
अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई। अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई।
गहरी काली रात ने दिखलाया, एक बार फिर अपना जहरीला जादू। गहरी काली रात ने दिखलाया, एक बार फिर अपना जहरीला जादू।
कट रहा है जीवन बोझ जैसा सूखता मन टूटे पेड़ जैसा। कट रहा है जीवन बोझ जैसा सूखता मन टूटे पेड़ जैसा।
दोस्ती कई धड़कनों की आवाज़ है जिसमें बिलकुल अनोखा अंदाज है दोस्ती कई धड़कनों की आवाज़ है जिसमें बिलकुल अनोखा अंदाज है