"नन्हीं मोना चली अकेले सोने" #31writingprompts
"नन्हीं मोना चली अकेले सोने" #31writingprompts
एक दिन बोली छोटी सी मोना,
मम्मी, मुझे अकेले हैं सोना।
अब मैं हो गई हूॅ॑ बिग गर्ल,
देखो मेरे बालों के ये पर्ल।
मम्मी बोली, बेटी हो तुम छोटी,
अभी बनती भी नहीं तुम्हारी चोटी।
मम्मी, मैं हो गई पूरी की पूरी फाइव,
स्विमिंग पूल में लगा लेती हूॅ॑ डाइव।
अच्छा बाबा, सो लो तुम आज,
अगर डर लगे तो देना आवाज।
रूम में टैडी को लेकर,
यूं चली सोने मोना अकेले,
मम्मी देख सोता उसे,
खुद भी जाकर सो गईं।
आधी रात को नींद खुली,
पाकर अपने को अकेले रूम में।
मोना को लगा बहुत डर,
मोना की हो गई सिट्टीपिट्टी गुम।
नाइट बल्ब की रोशनी में,
परछाइयां लगी डराने,
कुर्सी बन गई राक्षस,
अलमारी बन गई पेड़।
डरकर चीखी मोना,
भूलकर अकेला सोना।
मम्मी पापा दौड़े चले आए,
मोना को सीने से लगाए,
लें आए फिर गोद में उठाकर,
अपने रूम में लिटाया।
सो रही है मोना निश्चिंत,
अब मम्मी पापा के बीच में।