खेल खेलें हम
खेल खेलें हम
आजा फिर से घर घर खेलें
गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाऐ
खील बताशे बांटे खाएं
मालपूए का जश्न मनाएं।
झूला झूलें और झूलांए
पानी में भी नाव चलांए
बरसती बरसातो में भी
छप छप चलते जाएं।
इन फूलों के आंगन में
इन कलियों के दामन में
मैं तुझको ढूंढू तुझको पाऊं
तू मुझको ढूंढे मुझको पाए।
आ पंख लगा,गगन धरा बना
दूर ऊपर उड़ते जाएं
तितली पकड़ पीछे भाग
उसके रंगों की भाषा साध।
समय का पहिया तो चलता जाए
ज़िन्दगी तो बीतती जाए
कुदरत के आगोश में बेफिक्र
इक-दूजे का हर पल साथ निभाएं।
