Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ashu Kapoor

Romance

4  

Ashu Kapoor

Romance

रंग बिखेरते फूल

रंग बिखेरते फूल

1 min
243


फूल सा नाजुक

दिल था मेरा

इश्क में संभलना

मुश्किल था मेरा

तुम फूलों की महक जैसे,

जिंदगी में आए ,और


फूल जैसी उम्र बिता कर

चले भी गए !

फिर

तुम्हारी जुदाई में----

दिल की जमी पर---

मैंने बोये ---


साथ गुजारे कुछ हसीन लम्हे,

उगने लगी----यादें 

धीरे धीरे

अश्कों से सींच-सींच कर---

नरम की गई जमीन पर---

बढ़ने लगी यादें----


अंकुरित हूई---- इंतजार की घड़ियां,

फैलती गई----- शाखाएं--- प्रति शाखाएं

खिलने लगे----

उम्मीदों के,

आस के,

वस्ल के

इंतजार के फूल,


पर तुम मुड़कर वापस नहीं आए,

फिर

तकते तकते रास्ता तुम्हारा,

मुरझाने लगे---- यादों के फूल

और, बिखर गए----

प्यार के रंग-----

दिल की जमीं पर

तेरे प्यार के फूल,


रंग बिखेरते हुए ---सूखने लगे

और 

मैं--- इन रंग बिखेरते

फूलों के कांटे

दामन में समेटे

बैठी ही रह गई 

तुम्हारे इंतजार में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance