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Rekha Shukla

Drama Others

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Rekha Shukla

Drama Others

रिश्ते

रिश्ते

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रिश्ते सजा या मौत...........

हरेक मोड़ पर हम गमों को सजा दे

चलो जिंदगी को ही मुहब्बत बना दे


फरिश्तों के कीड़े फैलते रहे

जज़बात में मौन चुप रोते रहे 


जिस मोड़ पे जाते हैं मुहब्बत सजा दे...

कम्बख्त ये रिश्ते सजा ये मौत फर्मा दे...


सजा दे सिलाह दे बना दे मिटा दे

परिंदे मगर कोई फैसला तो सुना दे



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