STORYMIRROR

Satyendra Gupta

Abstract

4  

Satyendra Gupta

Abstract

रिश्ता अजब पिता पुत्र का

रिश्ता अजब पिता पुत्र का

2 mins
27

प्यारा होता है रिश्ता अजब  पिता पुत्र का

गजब अहसास है मिलता पिता पुत्र का

कंधे सा कंधा मिल जाए जब पिता पुत्र का

दोस्त से भी प्यारा हो जाए रिश्ता पिता पुत्र का

तब अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र का।


पुत्र जब हो जाता है बड़ा ,करता है संघर्ष

दिन रात सोचता है वो ,करता है मेहनत

बचपन तो कट है जाता, जवानी रहता प्रयासरत

दिन रात सोचता मिलेगी नौकरी कैसे

पिता पे बोझ समझता है, अपने जीवन का

एक अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र का।


यही समय है होता , पिता को समझदार होने का

यही समय है होता , पुत्र को दिलासा देने का

यही समय है होता, पुत्र के कंधे पे पिता का हाथ

यही समय है होता, पुत्र के मेहनत पे पिता का साथ

यही समय है होता, पुत्र को दिखाए सही सही राह

पिता को फर्ज है निभाना, रिश्ता पिता होने का

एक अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र का।


पिता का मुस्कुराहट , पुत्र के लिए बन जाता वरदान

पिता का हर शाबाशी, पुत्र के लिए बन जाता पायदान

पिता का हाथ और पुत्र का हाथ , हो जाए एक साथ

मनोबल हो जायेगा ऊंचा पुत्र का, पा लेगा हर मुकाम

पिता का समझदारी वरदान है , हो जाता पुत्र का

तब अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र का।


सोचो जब करता है तैयारी नौकरी पाने का

रो जाता है दिल है उसका खुद से लड़ने का

जवाब दूंगा क्या ,प्रतियोगिता निकाल पाया नहीं

पिता का आशा ,मां का दिलासा काम आया नहीं

करता है वो लड़ाई हर सवाल का जवाब बनने का

तब अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र  का।


पिता ये न कहे फेल हो गए कैसे, पढ़ते नहीं हो

पढ़ाई करते हो नहीं, मेहनत करते ही नहीं हो

मेरा क्या है मैंने काट ली अपना जीवन , सोचो तुम

रह जाओगे यूं ही बेरोजगार, भटकोगे यूं ही तुम

जरूरत है यहां समझदार पिता होने का

जरूरत है यहां, पुत्र का हौसला बढ़ाने का

जरूरत है यहां , पुत्र का आंसू पोंछने का

जरूरत है यहां, पिता को उसका दोस्त बनने का

तब अनमोल हो जाता है रिश्ता बाप बेटे का।


अगर पिता कृष्णा और पुत्र सुदामा हो जाए

अगर पिता राम और पुत्र भरत हो जाए

अगर पिता राह और पुत्र राही हो जाए

अगर पिता विश्वास और पुत्र विश्वासी हो जाए

अगर पिता साहस और पुत्र साहसी हो जाए

अगर पिता सफल और तभी पुत्र सफलता ले आए

तब बेटा हर दुख सहन कर लेगा , सफल बनने का

तब अनमोल रिश्ता हो जाता है पिता पुत्र का

तब अनमोल रिश्ता हो जाता है पिता पुत्र  का।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract