Supriya Devkar

Classics

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Supriya Devkar

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रात कर तू मुझसे बात

रात कर तू मुझसे बात

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रात कर मुझसे बात बिगडे है सारे हालात 

आज बस तेराही साथ क्या जाने कब हो मुलाकात 


आज तेरी छाव मे सुकून कि शांती है 

तुम्हारा साथ ना हो तो जिवन मे क्रांती है 


कितने राज छिपे होंगे अंधेरी काली रातो मे 

परदा उठानेकी कोशिश नाकाम कियी इन रातो मे 


सुबह की राह देखते कितने सो गये आरामसे 

चांद के शीतल प्रकाश मे कितने भटक गये राह से।


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