राहत
राहत
बंशी खाँसता है
ढेर सारा खून उगल देता है
गंदे खाकी कोट की थैलेनुमा जेब से
बोतल निकालकर /गले के नीचे उतार देता है
चीर जाने का एहसास उभर जाता है
मुँह पर.
काले मुहांसों भरा मुँह
अधिक भद्दा लगने लगता है
तब उसे ध्यान आता है
कि डाक्टर ने दी थी हिदायत उसे
दूध और मौसंबी का रस पीने की
लेकिन अजीब बात है, राहत दूध से नहीं
इस अंगूरी से मिलती है
और इतनी सी बात
डॉक्टर नहीं समझता
यही सोचता, लड़खडाता
बीड़ी फूंकने लगता है।