मानसिंह मातासर
Romance Classics Inspirational
जिसे बताना पड़े वह प्यार कैसा।
जिसे जताना पड़े वह प्यार कैसा।
दुनिया क्या कहेगी, यह सोच कर-
जिसे छुपाना पड़े, वह प्यार कैसा।
प्यार एक खूबसूरत अहसास है।
प्यार टूटे दिलों की एक आस है।
नफरत के अंधकार में गुमनाम-
प्यार उनके लिए अमिट उजास है।
अजनबी
पुस्तक
विज्ञान कल्प
पौराणिक कथा
कैसी है ये आज...
स्वतंत्रता (आ...
स्वतंत्रता
ख़्वाब
विवाह
पीछे कुछ छुट् रहा था, फिर भी पीछे कुछ छूट रहा था। पीछे कुछ छुट् रहा था, फिर भी पीछे कुछ छूट रहा था।
रखना दिल मे नहीं बेरुख़ी तू कभी! मुझसे होना नहीं है जुदा तू कभी. रखना दिल मे नहीं बेरुख़ी तू कभी! मुझसे होना नहीं है जुदा तू कभी.
इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं। इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं।
जो तेरे हक में नहीं हूं तो मुकर जाता हूं। जो तेरे हक में नहीं हूं तो मुकर जाता हूं।
पहले पहले प्यार की खुमारी छाई आंखो में .... पहले पहले प्यार की खुमारी छाई आंखो में ....
जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं प्यार उल्फत ही यारो हम लिखते हैं । जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं प्यार उल्फत ही यारो हम लिखते हैं ।
क्या दूँ तुमको अब पास मेरे, मन के मीत कहॉं खो गये थे। क्या दूँ तुमको अब पास मेरे, मन के मीत कहॉं खो गये थे।
तुझपे है मेरी जान, दिलो निसार ओ मेरे हमसफ़र, मुझे तुझसे ही प्यार। तुझपे है मेरी जान, दिलो निसार ओ मेरे हमसफ़र, मुझे तुझसे ही प्यार।
मगर दुनिया वालों की हमारी खुशियाँ हजम नहीं होती ! मगर दुनिया वालों की हमारी खुशियाँ हजम नहीं होती !
छोड़ बैठा हूं जमाने को सिर्फ तुम्हारे लिए, एक बार तो हां कर दो सिर्फ हमारे लिए। छोड़ बैठा हूं जमाने को सिर्फ तुम्हारे लिए, एक बार तो हां कर दो सिर्फ हमारे लि...
राधा:मै कहां कहां हूं ? कृष्ण:मेरी किस्मत में .. राधा:मै कहां कहां हूं ? कृष्ण:मेरी किस्मत में ..
प्रेम की डोर में बंधा बन्धन राधिका। प्रेम की डोर में बंधा बन्धन राधिका।
फ़िज़ा हूँ मैं तो मेरी शाम तुम हो ख़िज़ाँ हूँ मैं तो मेरी रात तुम हो. फ़िज़ा हूँ मैं तो मेरी शाम तुम हो ख़िज़ाँ हूँ मैं तो मेरी रात तुम हो.
रोज़ उसके चेहरे पे नज़ाकत रही! अब नहीं उसको मुझसे मुहब्बत रही. रोज़ उसके चेहरे पे नज़ाकत रही! अब नहीं उसको मुझसे मुहब्बत रही.
दामन न देना छोड़ मेरा मझधार में बस यही आस प्रिये.... हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जी दामन न देना छोड़ मेरा मझधार में बस यही आस प्रिये.... हाथों में हाथ तुम्हारा हो...
फिराक में तेरे लगता है कि घर खाली है। करूं इजहार तो जज्बात की पामाली है। फिराक में तेरे लगता है कि घर खाली है। करूं इजहार तो जज्बात की पामाली है।
आज मैंने इन सांसो की, कहानी लिख दी तुम्हारे नाम अपनी ये, जिंदगानी लिख दी… आज मैंने इन सांसो की, कहानी लिख दी तुम्हारे नाम अपनी ये, जिंदगानी लिख दी…
बनके परछाईं तुम्हारी निहार लेती हूँ खुद को ही आईने में बार बार। बनके परछाईं तुम्हारी निहार लेती हूँ खुद को ही आईने में बार बार।
ज़ख्म जितने थे वह शायद भर गए। ज़र्ब वह फिर से लगाना चाहता है। ज़ख्म जितने थे वह शायद भर गए। ज़र्ब वह फिर से लगाना चाहता है।
जेल में तेरी तस्वीर होती तो हंसकर सज़ा काटता। जेल में तेरी तस्वीर होती तो हंसकर सज़ा काटता।