पति का बटुआ
पति का बटुआ
अपनी नहीं कोई कमाई,
हाथ खाली,
तो जेब पर नजर आई,
पति का बटुआ,
लगता है अपना,
जब मन चाहा,
बटुआ उठाके,
शॉपिंग कर आई
अक्सर डालते वो,
जेब में हाथ,
बटुआ खाली,
उनकी तबीयत खराब,
फिरभी वो मुस्कराते,
पति धर्म निभाते,
बटुए से रुपए गायब होने का,
दर्द दिल में छिपाते,
पर उनको है अहसास,
पत्नी ही रखती है,
पति का ध्यान,
जब भी जरूरत होती है,
कर देती उनका कल्याण,
देवी की तरह करती,
हर इच्छा पूर्ति,
खाली बटुआ,
भर देती है,
हो जाती मनोकामना पूर्ति।