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Shraddha Gaur

Tragedy

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Shraddha Gaur

Tragedy

पति का बटुआ

पति का बटुआ

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चुपके से जो मां भी ले ले,

और पत्नी का तो हक हो सारा ,

खाली हो गया बटुआ पति का,

हाथ मलते रह गया बेचारा।


मां करे फरमाइश सिल्की साड़ी,

बहन जोर दे सोने की सिकड़ पर,

पापा जी हैं बड़े सीधे,

मांग रहे सिर्फ एक स्कूटर।


परमेश्वर मेरे आजकल

कुछ रूठे से रहते हैं,

बटुए में पैसे चुपके से कहते हैं,

"मालकिन से बचा लो साहब"


आज ही खर्चे पैसे कुछ

उनकी जन्मदिन के मौके पर,

हसीं में पूछ पड़े मियां

हमारे कि कितना और चाहिए ?


ख़ुद के लिए कमाते हैं

पर शौक सारे इनके

घरवालों में ही पूरे हो जाते हैं।


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