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Raashi Shah

Drama Inspirational

5.0  

Raashi Shah

Drama Inspirational

प्रकृति संरक्षण

प्रकृति संरक्षण

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कुदरत का यह चमत्कार है अनोखा,

देने में है प्रबल हमारी आँखों को भी धोखा।


रेगिस्तान में भटका हुआ हो कोई यात्री,

जो अभिलाशी हो ढूँढने के लिए पानी,

रेगिस्तान की हवाएँ दे उसे भी धोखा,

याद दिला दें उसे नानी।


इस प्रकृति का सौन्दर्य है अविलक्षण,

इतना, कि इसे देखने के लिए ललचा जाए मन।

फूलों की पंखुड़ियां हे रंगीन,

इन पौधों के बिना फिसल जाए ज़मीन।


कोयल जो कूकती हैं मधुर स्वर,

जीवन चक्र को बनाए रखने,

वाले प्राणियों का वन ही तो है घर।

वृक्ष हैं इतने ऊँचे जो छू ले आसमान,

इस धरती के वृक्ष ही तो है शान।


तारें जो समा ले पूर्ण गगन,

इनके नक्षत्र देखने हेतु तत्पर हो जन।

क्या हम कर रहे हैं इस प्रकृति का सम्मान,

यदि हाँ, तो क्यों ले रहे हैं पेड़ों की जान?


पशुओं की जान हर लेने में हमें नहीं हैं कोई हर्ज़,

क्या क़ुदरत के प्रति नहीं है हमारा कोई फ़र्ज़?


इतने वर्षों के पश्चात हम मानव,

समझ सके हैं क़ुदरत का असली अर्थ,

इसे बचाने की ओर अब उठाने होंगे ठोस क़दम,

इससे पूर्व की हो जाए कोई अनर्थ।


अपने बच्चों को भी हमें,

यह प्रकृति का सौंदर्य दिखाना है,

इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है।


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