प्रकृति के कण-कण में है संगीत
प्रकृति के कण-कण में है संगीत
पक्षियों के कलरव में है संगीत l
मोहन के मुरली में है संगीत l
निर्झर के झर झर में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
कटु- मधुर वाणी में है संगीत l
हवा के झोंकों में है संगीत l
अग्नि की चटक में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
जल के कल कल में है संगीत l
बारिश की बूंदों में है संगीत l
सागर की लहरों में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
पायल की छन छन में है संगीत l
चूड़ी की खन खन में है संगीत l
दिल की हर धड़कन में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
बच्चों की किलकारी में है संगीत l
हाथों की बजती हुई ताली में है संगीत l
भूखे की बजती थाली में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
पत्तों की सरसराहट में है संगीत l
भौरों की गुनगुनाहट में है संगीत l
अपनों की आहट में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
मां की प्यारी लोरी में है संगीत l
पिता की थपकी में है संगीत l
दादी नानी के गीतों में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
गायों के रंभानें में है संगीत l
शेर की दहाड़ में है संगीत l
जंगल के कोने कोने में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
हंसी ठिठोली में है संगीत l
रुदन और विलाप में है संगीत l
मातम और उत्सव में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l
केवल वाध्ययंत्रो में ही नहीं है संगीत l
ध्यान से सुनो तो सही, कहाँ नहीं है संगीत l
विरह में है,मिलन में है संगीत l
शांति में, हर ध्वनि में है संगीत l
प्रकृति के कण-कण में है संगीत l