प्रेम झलक (पति और पत्नी)
प्रेम झलक (पति और पत्नी)
विश्वास का ये बंधन बना रहे
जीवन में आप दोनों के प्रेम का सागर बहता रहे
छलावा कपट का कहीं नाम न हो
बस त्याग समर्पण का भाव हो
जैसे दीया और बाती साथ हो
वैसे ही जीवन के सुख दुख मे आप हमेशा साथ हो
यू ही रूठना मनाना हो एक दूसरे को
प्यार एसे ही आप दोनो का निखरता रहे
घर संसार आपका इत्र की खूशबू सा महकता रहे
प्यार आप दोनों का झिलमिल जगमगाता रहे
खामोश रह कर भी एक दूसरे की दिल की बात समझ ले
प्यार का ये एहसास मजबूत बना रहे
आप दोनों का साथ कभी ना छूटे
दुआ है रब से आप एक दूसरे से कभी रूठे
सात जन्मों तक यह रिश्ता निभाए एसे
कि खुशियों का दामन कभी ना छूटे।