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Arunima Bahadur

Action Inspirational

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Arunima Bahadur

Action Inspirational

प्रेम बस प्रेम ही प्रेम

प्रेम बस प्रेम ही प्रेम

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छोड़ो नफरत की बाते,

भूलो कड़वी चुभती रातें,

अंधकार में डूबी वो ,

अज्ञानता की रातें,


उदीयमान सविता के तेज से,

प्रकाशित करो जरा तन मन,

देखो कितना प्रेम भरा है,

मन के इस आंगन में,

जितना खर्चोगे, उतना बढ़ेगा,

अद्भुत ये भंडार हैं,

क्यों उलझी फिर कषाय कल्मष में,

जब अनुपम प्रेम भंडार हैं


चलो प्रेम से कह कण सींचे,

बस प्रेम ही उपजा ले आज,

मन उपवन फिर तो सजेगा,

बजेगी प्रेम धुन भी साथ,

अद्भुत, अनुपम से दृश्य में

सद्ज्ञान का होगा प्रकाश,

काश! स्वान ये साकार हो जाये,

विश्व वसुधा एक परिवार हो जाये,

मिटा अब हर नफरत की यादें,

करें चलो रिमझिम प्रेम बरसाते,

प्रेम प्रेम बस प्रेम होगा,

साकार सुंदर स्वप्न होगा।

   


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