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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

तकदीर कैसी

तकदीर कैसी

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तकदीर कैसी किसने लिख दी 

ऐसी लिख दी, वैसी लिख दी 

जब भी सोचा ऐसा क्यूँ लगा 

रब ने ज़रूर दिल्लगी कर दी !


मेरे तेरे अपने सारे 

देखें कैसे चाँद औ तारे 

सच में तो ये सोये सारे 

जब उसने बरबादी कर दी !


सबको मालूम नहीं कर्ता 

मेहनत से बदला जो दिखता 

रंग औ नूर हर पल निखरता 

तकदीर भी तूने हद कर दी !


फिर भी सब कुछ है नश्वर 

न कुछ भी है अजर अमर 

हो सके तो इश्क खत्म कर दो 

मन की धड़कन आहूति कर दी !!


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