जीवन को भूल भूलैया कह
जीवन को भूल भूलैया कह
जीवन को भूल भूलैया कह
या बिन पतवार की नैया कह
कोई भी साथ नहीं आता
गर उसपे शनि की ढ़ैया कह !
हम तो तैयार सदा रहते
इस पार रहें उस पार रहें
तुम भी तो पागल करते हो
जब तुमको नाव खेवैय्या कह !
ये शाम सुबह की झक झक हो
या मन की मिथ्या सोच सही
जब तक उन्हें दूर नहीं करते
क्यूँ ना उनको बप्पा मैया कह !
जब याद कभी आये रब की
अपना सदकर्म ना ही भूलो
हिन्दी में बोलो या कुछ भी
अपनी भाषा को सवैया कह !!