"जीवन किया न्यौछावर"।
"जीवन किया न्यौछावर"।
जीवन किया न्यौछावर, कहलाते वो लाल।
उम्र रही जवानी की, बने वतन की ढाल।
बने वतन की ढाल, देश का मान बढ़ाया।
जय इंकलाब बोल, सिंह पंजाब गुर्राया।
सुखदेव बने हाथ, राजगुरु तजते यौवन।
कर बुलंद आवाज, रहे वो सारा जीवन।
