STORYMIRROR

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Classics Inspirational

4  

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Classics Inspirational

प्रभु श्रीराम आए हैं!

प्रभु श्रीराम आए हैं!

2 mins
249


सुमंगल दिन घड़ी स्वर्णिम प्रभु श्रीराम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


बिछाओ फूल राहों में जलाओ दीप हर घर में।

सजाओ द्वार पर तोरण पताकाएं नगर भर में।

करो स्वागत सभी मिलकर नयन अभिराम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


शरण जो सबको देते हैं उन्हीं का ना ठिकाना था।

रहे वनवास में अबतक न यूं उलझा ताना-बाना था।

कि बरसों की प्रतीक्षा के सुखद परिणाम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


बहुत संघर्ष में बीते सियापति राम के ये दिन

बिताए कष्ट में जीवन रहे दुःख में हर एक पलछिन

लखन संग जानकी रघुवर अयोध्या धाम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


लला श्रीराम ने अब दिव्य अपना एक भवन पाया

छटा बिखरी मनोरम आज हर जन मन है हर्षाया।

लुटाने को दया, आशीष प्रभु अविराम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


जहां जन्मे प्रभु श्रीराम खेले खेल जिस आंगन

बनेगा भव्य राम मंदिर हुआ निर्माण भूमि पूजन।

सनातन धर्म की रक्षा को अब सुखधाम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


सजाने रामलल्ला को हैं लाए फूल सब चुन चुन

बजे ढोलक, पखावज, झांझ बजे घुंघरू मधुर रुनझुन

करें जयघोष सुर मुनि जन प्रभु श्रीराम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


हुआ है राममय कण-कण रंगे सब राम के ही रंग

हुए पुलकित हृदय सबके तरंगित हो रहा अंग-अंग

दिवस पावन मधुर बेला प्रभु श्रीराम आए हैं।

मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama