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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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प्रभु -चरण।

प्रभु -चरण।

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जो जाते प्रभु चरणों में, संकटों से वह हैं तर जाते।

सद विचारों को भर देते, सद्भावना का है पाठ पढ़ाते।।


 जिसने लगन लगा ली उनकी, भव बंधन सब उसके कट जाते।

 अज्ञानता से ज्ञान को भरते, क्लेश सब उसके मिट जाते।।


 सेवा का तू व्रत धारण कर ले, खुशियों से झोली वो भर देते।

 उनकी लीला तो बड़ी निराली, राई से पर्वत वो कर देते।।


 चरण -रज को तू धारण कर ले, मन मलीन को दूर वह कर देते।

 मोह -ममता से दूर न करके, गृहस्थ में ही विरक्त वो कर देते।।


 जीवन तेरा सँवर जाएगा, श्रद्धा- विश्वास रूपी दौलत वह देते।

 प्रभु- चरणों में लग जा "नीरज", सब जीवों का उद्धार वो कर देते।।


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