परायी हूँ
परायी हूँ
बेटी हूँ बेटे के मोल पर अपनाई हूँ
इसलिए सम्भतः मैं ही परायी हूँ
चाह थी पुत्र की मैं तो अनचाही हूँ
बेटी हूँ ना इसीलिए परायी हूँ
अपनाना था भैया को मैं ठुकराई हूँ
बोझ हूँ शायद सब पर तभी परायी हूँ
दुनिया दूध, शायद मैं उसकी खटाई हूँ
तभी मैं किसी की अपनी नहीं परायी हूँ
सब अच्छे हैं यहां लगता है मैं ही बुराई हूँ
तभी अपनों के बीच बीएस मैं परायी हूँ
मत भूलो मैं भी उस उपरवाले की बनाई हूँ
बेटे समान ही हूँ मैं भी न किसी की परायी हूँ।
