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Goldi Mishra

Drama Others

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Goldi Mishra

Drama Others

दो साल

दो साल

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इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

एक किरदार मिला इस भीड़ में,

मेरा हाथ था थामा उसने तन्हाई में,

यूं ही इत्तफाक से हम टकराए थे,

पल बेहद हसीन थे वो जो हमने साथ बिताए थे,


इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

याद है वो पहली मुलाकात,

खामोशी थी दरमियान ना कोई अल्फ़ाज़ ना थी कोई बात,

धीरे धीरे एक नए सफ़र की शुरुआत हुई,

हर ग़म हर दुख को तुझसे बांटने की शुरुआत हुई,


इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

तू ज़िन्दगी के इस सफ़र का एक बेहद खूबसूरत मोड़ है,

रिश्ता हमारा कभी छाव कभी धूप है,

हजारों मीठे लम्हे बुने वहीं कुछ खट्टी तकरारें भी हुई,

तेरे होने से दुख के बादल छटे खुशियों की भोर हुई,

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इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

एक ख़ूबसूरत रिश्ता हमने बुना है,

कच्चे पक्के धागों से रिश्तों का ताना बाना हमने बुना है,

मीलों के सफ़र को तेरा हाथ थामे तय किया था,

हो धूप या बारिश हर मौसम तेरे ही साथ जिया था,


इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

तेरे साथ वक़्त का पता ही ना चलना,

दिल चाहता है घंटो तेरे साथ बाते करना,

जाने अनजाने मुझसे हुई जो भूल उसे माफ कर देना,

जिस बात से हो दिल दुखा वो बात भुला देना,


इस जहां में कोई शख्स ऐसा भी मिला,

जिसके अक्स में खुदा झलकता मिला।।

बहुत कुछ सीखा बहुत कुछ जाना है,

थोड़ी थोड़ी कोशिशों से एक दूसरे को हमने जाना है,

उलझी है हम दोनों की डोर,

ये रास्ते हमें ले जाए किस ओर,


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