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Harpreet Kaur

Romance

4  

Harpreet Kaur

Romance

प्राण प्रिये

प्राण प्रिये

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हे मेरे प्राण प्रिये

मेरे गिरधर, मेरे मोहन

ना मैं तुम्हारी मीरा

ना रुक्मणी, ना राधा

मुझे ना चाहिए अनुराग

तुम्हारा आधा


गोपियों और रास लीला वाला नहीं मेरा कान्हा,

हे बंशीधर! तेरी बंसुरिया भी मैं,

तेरी बंसी के सारे सुर है मेरे,

हे मनोहर! तुम बस मेरे हो मेरे

ना मीरा बन पीना ,विष का प्याला

ना सीता मैया की तरह,

धरती माँ के अंक में समाना,

अंतिम श्वास तक रहना है तेरे संग,

रंग लिया खुद को मैंने तेरे ही रंग


मीन नहीं रहती जल बिन,

बदरा नहीं नीर बिन,

निशा का तम अधूरा

चंद्रमा बिन,

बिल्कुल ऐसे ही मैं अधूरी

तेरे बिन

शरीर दो और आत्मा एक

यूं इक दूजे में समाए है

हम साए है,

हंसते रोते गाते,

हसीन लम्हे जिंदगी के साथ बिताए है,

है बस विनती ईश्वर से इतनी

प्राण त्यागे साथ

लोक नहीं परलोक में भी बना रहे साथ



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