Agam Murari
Crime Fantasy Inspirational
ठगा दिल का
पोस्टमार्टम किया
पता चला
ह्रदय की सारी धमनियां
कब की
चोरी कर ली गई हैं।
रिपोर्ट मिला
कुछ पहर पहले
कशीवास को आया
क्योंकि,
किसी के जाने का
दर्द सह ना पाया।
ग़ज़ल
तुम्हें भूलूं...
प्रेम
मैं और तुम
तुम अब भी मुझ...
ग़ज़ल
पोस्टमार्टम र...
इससे और अधिक ...
जल्लाद
आई मिस यू
बोलो अब कोई संदेह अंग्रेजों से अन्याय कम हुआ है। बोलो अब कोई संदेह अंग्रेजों से अन्याय कम हुआ है।
मत सोचना कि ये नमक सुंदर रंगों से हीन है, पानी के आगे भी ये बेबस और शक्तिहीन है। मत सोचना कि ये नमक सुंदर रंगों से हीन है, पानी के आगे भी ये बेबस और शक्तिहीन ...
जाती धर्म मजहब के इस दीवार ने पांव रोका, जमी डगमगाया, जाने दिया जाती धर्म मजहब के इस दीवार ने पांव रोका, जमी डगमगाया, जाने दिया
मजबूर लाचार, औरतों को कर, देते हे मजबूर मजबूर लाचार, औरतों को कर, देते हे मजबूर
अब उन्हें इस दोहरी बहरूपिये की भूमिका पर कौन टोक सकता है ? अब उन्हें इस दोहरी बहरूपिये की भूमिका पर कौन टोक सकता है ?
पंखुड़ियां भी नहीं, रहती मेरी बिखरी बिखरी हो जाती हैं ये पंखुड़ियां भी नहीं, रहती मेरी बिखरी बिखरी हो जाती हैं ये
करते है जो दहेज प्रथा का विरोध उन्हें। पिछड़ा हुआ मनुष्य बताने लगे है लोग।। करते है जो दहेज प्रथा का विरोध उन्हें। पिछड़ा हुआ मनुष्य बताने लगे है लोग।।
उपर से उसके बच्चे चार कैसे करूं उनका भविष्य अंधार? उपर से उसके बच्चे चार कैसे करूं उनका भविष्य अंधार?
मेरा मायके में अब कोई ठिकाना नहीं मैंने ये बात भी जानी थी। मेरा मायके में अब कोई ठिकाना नहीं मैंने ये बात भी जानी थी।
कितना करते हित साधन ये, वृक्ष किसी को कभी न टोके कितना करते हित साधन ये, वृक्ष किसी को कभी न टोके
शोध बोध उत्कर्ष सत्कार जीवन मौलिक मूल्य व्यवहार।। शोध बोध उत्कर्ष सत्कार जीवन मौलिक मूल्य व्यवहार।।
धुंध निशाचर कर लेते फिर से बस्ती पर पहरा धुंध निशाचर कर लेते फिर से बस्ती पर पहरा
घिन आती है मुझे मेरे ऊपर , कैसे पैदा कर दी मैं ऐसे जानवर। घिन आती है मुझे मेरे ऊपर , कैसे पैदा कर दी मैं ऐसे जानवर।
चलो रोक लो हमारी साँसे गर तुम्हें खुशी मिले चलो रोक लो हमारी साँसे गर तुम्हें खुशी मिले
पर जब वो पहले करती है शिकायत खुद को परेशान करने की पर जब वो पहले करती है शिकायत खुद को परेशान करने की
न जाने क्यों लड़के के ऊपर कोई आरोप क्यों न लगाया था? न जाने क्यों लड़के के ऊपर कोई आरोप क्यों न लगाया था?
अब कौन सहारा आएगा बहरूपिया के शासन में अब कौन सहारा आएगा बहरूपिया के शासन में
इस नन्हे से फूल को, इतने बंधनों में बांध दिया। इस नन्हे से फूल को, इतने बंधनों में बांध दिया।
अब पति के लिए मुसीबत बन चुकी थी हर संबंधियों के सामने इज्जत झुकी थी अब पति के लिए मुसीबत बन चुकी थी हर संबंधियों के सामने इज्जत झुकी थी
जरूरत ही नहीं होती तुम्हें मांगने की खुद जनता बोलती इस बार तुम अब जरूरत ही नहीं होती तुम्हें मांगने की खुद जनता बोलती इस बार तुम अब