Agam Murari
Crime Fantasy Inspirational
ठगा दिल का
पोस्टमार्टम किया
पता चला
ह्रदय की सारी धमनियां
कब की
चोरी कर ली गई हैं।
रिपोर्ट मिला
कुछ पहर पहले
कशीवास को आया
क्योंकि,
किसी के जाने का
दर्द सह ना पाया।
ग़ज़ल
तुम्हें भूलूं...
प्रेम
मैं और तुम
तुम अब भी मुझ...
ग़ज़ल
पोस्टमार्टम र...
इससे और अधिक ...
जल्लाद
आई मिस यू
ना मिलेगा वरदान हमें मोमबत्ती जलाने से ना आएँगे कृष्ण नीचे द्रौपदी को बचा ने। ना मिलेगा वरदान हमें मोमबत्ती जलाने से ना आएँगे कृष्ण नीचे द्रौपदी को बचा ने...
हर बार की तरह इस बार भी विफल पुरुषत्व की नकेल कसने में असफल ! हर बार की तरह इस बार भी विफल पुरुषत्व की नकेल कसने में असफल !
आदत सी हो गयी है अबनज़रअंदाज़ करने की.. आदत सी हो गयी है अबनज़रअंदाज़ करने की..
शायद इसलिए हर एहतियात तुम्हारा बचकाना सा लगता है शायद इसलिए हर एहतियात तुम्हारा बचकाना सा लगता है
इंसानियत का इंसानियत से भरोसा उठ गया रोज़ रोज़ लड़ती है और हार जाती है जिंदगी। इंसानियत का इंसानियत से भरोसा उठ गया रोज़ रोज़ लड़ती है और हार जाती है ...
सांसद भवन की दफ्तर से सौ फाइलें चुरायी थी मुझे पता नहीं कि वहां है कोई दफ्तर वहां हो सांसद भवन की दफ्तर से सौ फाइलें चुरायी थी मुझे पता नहीं कि वहां है कोई दफ्तर ...
अकसर देखा गया है उन हैवानों को करते है खुले आम अपराध अकसर देखा गया है उन हैवानों को करते है खुले आम अपराध
अब तुम ही, कह दो छः महीने, की है उसका, क्या छिपा लूँ...! अब तुम ही, कह दो छः महीने, की है उसका, क्या छिपा लूँ...!
इन पर हमारी पैनी न, सही मगर नज़र तो बनी ही रहती है ! इन पर हमारी पैनी न, सही मगर नज़र तो बनी ही रहती है !
खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम सब चुप बैठे है? ... खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम स...
नैतिकता का भारी ओढ़ लबादा नेतागण गलत शासन चला रहे हैं। नैतिकता का भारी ओढ़ लबादा नेतागण गलत शासन चला रहे हैं।
उन सज्जन लोगों से मैं पूछता हूँ की तुम्हारे बाज़ार में मेरी कीमत ही क्या है? उन सज्जन लोगों से मैं पूछता हूँ की तुम्हारे बाज़ार में मेरी कीमत ही क्या है?
हे भगवान ! अब आप ही न्याय करो, ये दर्द अब और सहा न जाए हे भगवान ! अब आप ही न्याय करो, ये दर्द अब और सहा न जाए
हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...! हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...!
तेरी बहन तेरे सामने आने से डरेगी, घर क बाहर शैतानों से लड़ती थी, अब घर के अंदर पल रहे तेरी बहन तेरे सामने आने से डरेगी, घर क बाहर शैतानों से लड़ती थी, अब घर के अ...
उसके चेहरे पर गिरे वो तेज़ाब के बुलबुले थे, किस हद तक तड़पी होगी उसके चेहरे पर गिरे वो तेज़ाब के बुलबुले थे, किस हद तक तड़पी होगी
यूं तो हर रोज थी मगर उस दिन लगा सच में मैं थी एक गंदी गाली यूं तो हर रोज थी मगर उस दिन लगा सच में मैं थी एक गंदी गाली
मैं हतप्रभ हूँ, इन उग्र विचारों के बवंडर से, मैं हतप्रभ हूँ, इन उग्र विचारों के बवंडर से,
आपसी मनमुटावों को समाज से छीपा कर बंद दरवाजे के पीछे नासमझ बच्चों को दिखाते हैं। आपसी मनमुटावों को समाज से छीपा कर बंद दरवाजे के पीछे नासमझ बच्चों को दिखाते ह...
हाँ छोड़ दो, छोड़ दो इस माँ बाप के प्यार को, नहीं माने तो याद रखोगे मेरी मार को हाँ छोड़ दो, छोड़ दो इस माँ बाप के प्यार को, नहीं माने तो याद रखोगे मेरी मार को