आई मिस यू
आई मिस यू
एक रात
तारो से भरी आंगन थी और
चांद भी दस्तक दे रहा था, कि
तुम्हारी याद आयी
और, तुम्हारा नाम लेकर बोला
“आई मिस यू”
तभी अचानक !
सारे पंछी बोल उठी-
चिड़ियां कलरव करने लगी
कोयल भी पिहक उठी
वसंत के बयार भी
रफ्ता–रफ्ता
मेरे रूह से गुजर रही थी
उसमें तुम्हारे जिस्म की खुशबू महसूस की।
क्या तुम भी
तारो को गीन रही हो ?
चांदनी रात में
हवाओं से बाते कर रही हो?
क्या तुम भी मेरे याद में
करवटें बदल रही हो ?
अगर ऐसा है
तो लौट आओ वापस
हर घड़ी तुम्हें याद करता हूं
बैठकर, इंतज़ार के कैनवस में ।