पिशाच रात को निकलते है !!
पिशाच रात को निकलते है !!
घोर अमावस्या की रात को
जब कोई नहीं निकलता ..
घर के बाहर ............
वह पिशाच रात को निकलते हैं ..
वह रात के काले अंधेरे में ..
काले कारनामे को अंजाम देते हैं.
वह सरल सीधे साधे भोले भाले ..
लोगों को छोटे बच्चों को रात के अंधेरे में ...
घेर लेते हैं ..लूट लेते हैं उन्हें ..
और कभी कभी घोर लालसा में ..
वे लहूलुहान भी कर देते हैं ..
और ले लेते हैं जान ........
होते हैं कुछ ऐसे तुच्छ इंसान
होते हैं पिशाच समान .....
सच ये जो चोर डकैत ...
अपहरण कर्ता और लूटपाट ...
करने वाले जिंदा इंसान ही
होते हैं ..पिशाच ...जबकि
जो पिशाच योनि में जो भटकते
हैं वे बेचारे तो स्वयं की.......
मुक्ति के लिए ही भटकते रहते है
वे नहीं करते किसी का नुकसान ..
बस इंसान के मुखौटे के पीछे
छिपे पिशाच से रहना सावधान !

