Mayank Kumar
Drama
समंदर का पीर बन कर भी
हम नीर बन गए
ए खुदा तू ही जाने हम कैसे
इतना नमकीन बन गए
साजिशों का गुलदस्ता कम
नहीं था फेंका किसी ने
जिसको जमा करते-करते
ना जाने हम कब कबीर बन गए।
तुम एक कलम सी...
उस चाँद का भी...
कुछ खिला चंदा...
पहरेदार
आधी रोटी
मैं भीग रहा ह...
तू कहीं खो गय...
कुछ बातों को ...
मैं तेरे लिए ...
मेरे अंदर वह ...
नन्हे फ़रिश्ते वक्त के साथ आगे निकल जाएँगे। नन्हे फ़रिश्ते वक्त के साथ आगे निकल जाएँगे।
मैं नेता हूँ सच कहता हूँ मुझको कुर्सी प्यारी है। मैं नेता हूँ सच कहता हूँ मुझको कुर्सी प्यारी है।
उनसे कट अपनी ही दुनियाँ मैं मस्त हो जाती हूँ मैं, सच कहूँ मन करता है। उनसे कट अपनी ही दुनियाँ मैं मस्त हो जाती हूँ मैं, सच कहूँ मन करता है।
दुश्मनी से चलाये, तो वार है ! प्यार से चलाये तो, पहरेदार है ! दुश्मनी से चलाये, तो वार है ! प्यार से चलाये तो, पहरेदार है !
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, "में आस्था रख इन्सानियत को आगे बढ़ाओगे तुम। "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, "में आस्था रख इन्सानियत को आगे बढ़ाओगे तुम।
कोई पराया हुआ अपना, कई अपने हुए पराये बने तो वो सात जन्मों के रिश्ते, कोई पराया हुआ अपना, कई अपने हुए पराये बने तो वो सात जन्मों के रिश्ते,
इसी व्यस्तता के कारण बनने से ज्यादा बिगड़ते रिश्ते। इसी व्यस्तता के कारण बनने से ज्यादा बिगड़ते रिश्ते।
मैं भी तुम्हारा उपकार चुका पाऊं मैं भी तुम्हारे कुछ काम आ पाऊं। मैं भी तुम्हारा उपकार चुका पाऊं मैं भी तुम्हारे कुछ काम आ पाऊं।
पौराणिक कथाओं पर आधारित देवराज इंद्र का विवरण। पौराणिक कथाओं पर आधारित देवराज इंद्र का विवरण।
उस बचपन के घरोंदे की हसरत को साकार करने में तेरी अहमियत सबको न समझा पाऊँगा। उस बचपन के घरोंदे की हसरत को साकार करने में तेरी अहमियत सबको न समझा प...
और मैं भी आज कॉलेज ही जा रही हूँ। और मैं भी आज कॉलेज ही जा रही हूँ।
सटार प्लस के सीरियल से लम्बी हो जायेगी की सफर की कहानी अपनी। सटार प्लस के सीरियल से लम्बी हो जायेगी की सफर की कहानी अपनी।
क्योंकि तुम उसके भी हकदार नहीं हो क्योंकि तुम उसके भी हकदार नहीं हो
कैसे सुख-चैन से अड़ोसी-पड़ौसी सोते हैं, हम अपने सवालों पे रात भर रोते हैं, कैसे सुख-चैन से अड़ोसी-पड़ौसी सोते हैं, हम अपने सवालों पे रात भर रोते हैं,
फिर से उनके चेहरे पे मुस्कुराहट खिला देना। फिर से उनके चेहरे पे मुस्कुराहट खिला देना।
हाथ में जो बचा है वक्त उसमें मरने के लिए क्या बचाता रहा। हाथ में जो बचा है वक्त उसमें मरने के लिए क्या बचाता रहा।
ससुराल से लौटते वक़्त ससुर जी ने, शगुन के तौर पर कुछ पैसे दिए ससुराल से लौटते वक़्त ससुर जी ने, शगुन के तौर पर कुछ पैसे दिए
फिर भी मांगती है हर पत्नी यही दुआ , भरा रहे उसका और उसके पति का बटुआ। फिर भी मांगती है हर पत्नी यही दुआ , भरा रहे उसका और उसके पति का बटुआ।
बहते बहते लुप्त हो गई तेरी आँखों के बसन्त में। बहते बहते लुप्त हो गई तेरी आँखों के बसन्त में।
कसम खुदा की उस दिन से मेरे दिल में तुम एक प्यार भरी गजल सी बन गयी। कसम खुदा की उस दिन से मेरे दिल में तुम एक प्यार भरी गजल सी बन गयी।