फूल-सा चेहरा
फूल-सा चेहरा
जब कोई फूल नज़र आता है |
तेरा चेहरा बहुत सताता है |
इक समंदर है तेरी आँखों में,
जो भी देखे वो डूब जाता है |
बात लब तक ही रुकी रहती है,
वस्ल का वक़्त गुज़र जाता है |
लाख कोशिश करो छिपाने की,
आँखों से सब बयां हो जाता है |
ख़ुशी 'गुलाब' को नहीं रास आती,
ग़म से ही दिल बहल जाता है।
