फ़र्ज़
फ़र्ज़


छोड़कर तुम मुझे चले जाओगे,
पर मुझे यूं नहीं तुम भुला पाओगे।
तन्हा जब तुम कभी हो जाओगे,
देखना तुम वहां बस मुझे पाओगे।।
इन सितारों के आगे है जाना हमें,
रोकेगा का क्या भला यह जमाना हमें।
कुछ दिनों तक भले दूर हो जाए हम,
तोड़कर फिर दीवारें है मिलना हमें।।
क्या बताओ भला दूर रह पाओगे,
छोड़कर तुम मुझे चले जाओगे।।
पर मुझे यूं नहीं तुम भुला पाओगे।
फ़र्ज़ अपने कितने निभाने हमको,
सामने रह के कैसे संभाले खुद को।।