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Abdul Rahman

Romance

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Abdul Rahman

Romance

तेरी यादें...

तेरी यादें...

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दब के सीने में सब सिसकियाँ रह गई,

तेरी यादें और हिचकियां रह गई,

तोड़कर जब से तू गया दिल मेरा,

महफिलें टूट कर वीरानियां बन गई।।

दब के सीने में सब...


फूलों ने तोड़ा है जबसे दिल को मेरे,

प्यार काँटों पे मुझको है आने लगा,

एतबार मुझको पत्थर पे होने लगा

आईना जब से सच को छुपाने लगा,

हकीक़तों से रूबरू अब तो होने लगे,

प्यार की सब अधूरी कहानियां रह गई,

दब के सीने में सब....


जाने कितने ही अरमान संजोए थे हम,

जाने दुनिया में कैसी खोए थे हम।।

इस तरह मुंह ना फेरो ओ मेरे सनम,

कि जुदा होके तुमसे ना मर जाए हम।।

क्या रहम छोड़ तुझ में हैवानिया रह गई,

दब के सीने में सब...


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