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Abdul Rahman

Abstract

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Abdul Rahman

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दोस्ती

दोस्ती

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इंसान को इंसान बनाती है दोस्ती,

आसान हर रास्ता बनाती है दोस्ती।


रंज गम दुनिया के जब सताते हैं हमें,

लब पे हंसी तब सजाती है दोस्ती।।

कभी सरारत कभी मोहब्बत होती है दोस्ती,

कभी पूजा तो कभी इबादत होती है दोस्ती।


मजहबो से भी बढ़कर होती है दोस्ती,

हर एक रिश्तों से भी ऊपर होती दोस्ती।।

बच सका ना खुद विधाता,है अजब शय दोस्ती,

हर जगह मशहूर है कृष्ण सुदामा की दोस्ती।


अमीरी और गरीबी कि सब दूरियां मिटाती है दोस्ती,

हर किसी से प्यार करना सिखाती है दोस्ती।।

बचपने की हर कहानी का आधार है दोस्ती,

ना ईर्ष्या ना जलन बस प्यार ही प्यार है दोस्ती।


हर बंधन से मजबूत होती है दोस्ती,

दोस्त की नम आंखों पर फूटकर है रोती दोस्ती।।


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