पहली नज़र का इश्क़
पहली नज़र का इश्क़
पहली नज़र जो मिली तुमसे
ऐसा लगा कि इश्क़ हो गया...
चाहतों की मेरी रुत आ गई...
आंख से निकलकर अश्क बह गया
बन गया जैसे अफ़साना हमारा
पल भर में दिल हुआ तुम्हारा....
तुम्हारे आगोश में, समेटकर ये जहां
मदहोश हैं, हम ना जाने कहां....
धड़कनें दिल की यूं बढ़ने लगी
निगाहों में तेरी तस्वीर बन गई
फ़िक्र तेरी मुझे सताने लगी....
आहटें तेरी, मेरी तकदीर बन गई।