हर्षोल्लास
हर्षोल्लास
प्रेम की खुशबू महक रही है
होली के रंग में चहक रही है
अच्छाई की जीत हो रही और
बुराई की ज्वाला दहक रही है
जैसे सतरंगी छटा निराली है
मानो गुल संजोता माली है
प्रीति दिलों में जाग रही है
ईर्ष्या मन से भाग रही है
माना कुछ पल का हर्षोल्लास है
ज्यों उपवन में खिला पलाश है
जी भरकर इस पल को जी ले प्यारे
बाद हाथ कुछ नहीं, प्रायश्चित में केवल काश है
रंगोत्सव की तरह हम, जीवन को भी रंगीन बनाएं
अहंकार का त्याग कर, सबको प्रेम से गले लगाएं
साथ दें मानव धर्म का और मानवता का पान कराएं
हंसी-खुशी गुलाल लगाकर, आनंद से सब होली मनाएं।
आप सबको मेरी तरफ से रंगोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं।