मां की यादें
मां की यादें
बड़ी महान हमारी माँ थी हमनें जिनको पाया।
शान्त सुरम्य सरल जिनकी, वात्सल्य पूर्ण थी काया ।।
जग में आने से पहले ही, हम पर अपना प्यार लुटाया।
भांति भांति के ख्वाब सजाए, था मन को बहलाया ।।
देख देख मुस्कान हमारी, अतुलित सुख को पाया।
बड़े हुए तो मुझको चलना, माँ ने कर पकड़ सिखाया ।।
डगमग चाल तोतली बोली, सुन सुन मन बहलाए।
नटखट दिखूं न ढूंढ ढूंढकर अपने पास बुलाए ।।
हाथ पकड़ कर लिखना सिखाया, अक्षर बोध कराया।
सुना कहानी राम कृष्ण की, मुझको गुणी बनाया ।।
हर इच्छा मेरी की पूरी, कमी न जीवन में आने दी।
सुख सुविधाएं देकर हँसता, देख मुझे वह भी हँसती ।।
कष्टों से था मुझे बचाया, जीवन सफल बनाया।
माँ के चरणों में ही मैनें, जीवन का सुख पाया ।।
आज नहीं माँ फिर भी उनकी, यादें मन हरसाती हैं।
बार बार आ शिर पर मानो, वरदहस्त रख जाती हैं।