जब तक ना मिले, वो बात नहीं.......
जब तक ना मिले, वो बात नहीं.......
जब तक ना मिले, वो बात नहीं,
बस मिलने की फरियाद कहीं।
तुझसे हो मिलना रोजाना, बस हो जाए यह बात कही,
तुम्हें बहुत चाहते हैं दिल से, तुम चाहो हमको दिल से कहीं,
जब भी हम तुमसे मिलते हैं, हम मिल जाएं खुद में ही कहीं,
दुनियादारी सब भूले हैं, दुनिया की अब कोई बात नहीं,
बस एक जगह ऐसी तो हो, जो हो हमारे नाम कहीं,
जिसमें ना कोई बेगाना, ना अनजाना हो नाम कहीं,
बस हम दोनों ही हो वहाँ, और किसी का काम नहीं,
बस दोनों का प्रेम वहाँ, और कोई अंजाम नहीं,
मेरा को समर्पण तेरे लिए, यहाँ और किसी का नाम नहीं,
मुझको अब बस तू ही देखें, और किसी का काम नहीं,
जब तक ना मिले, वो बात नहीं,
बस मिलने की फरियाद कहीं।
तुझमें श्याम मुझे दिखता हैं, वो ही रहता हैं तुझमें कहीं,
हम श्याम नाम को चाहते हैं, तेरे मन में राधा नाम कहीं,
तुझे मन से चाहा हैं हमने, तू दिल से चाहे हमको कहीं,
ऐसे ना हमने चाहा हैं कभी, जैसे तुझको चाहा हैं कहीं,
तू मन में रहता हैं हर पल, और किसी का ध्यान नहीं,
तू ही मन मेरे आता हैं, जो मन में मुस्कुराता हैं कहीं,
तेरे जैसा ना कोई हैं, इस दुनिया में मेरी कहीं,
तू ना होकर भी रहता हैं, मेरे उस अंतर्मन में कहीं,
एक इच्छा मेरे मन में हैं, तेरे चरणों में स्थान सही,
अंतिम सांस जो मेरी हो, वो हो तेरे ही नाम कहीं,
जब तक ना मिले, वो बात नहीं,
बस मिलने की फरियाद कहीं।