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Deepshikha Nathawat

Romance

3  

Deepshikha Nathawat

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

6 mins
199



अंजली पढ़ने में बहुत होशियार थी वह अपने परिवार के साथ इंदौर में रहती थी।वह एकलौती संतान थी।अंजली के पिता एक प्रोपटी डीलर थे।अचानक एक दिन अंजली के पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है पता चलता है कि उसके पिता ने बहुत सा कर्ज लिया था तो उस कर्ज को चुकाने के लिए अंजली और उसकी माँ को सब कुछ बेचकर गांव जाना पड़ता है। अंजली के गांव में उसके चचेरे चाचा का परिवार रहता है जो अंजली के पिता की जमीन का भी ख्याल रखता था। अंजली आगे पढ़ना चाहती थी। उसके चाचा ने उसका दाखिला गाँव की स्कूल में करवा दिया।अंजली के चाचा के कोई बेटी नहीं थी बस दो बेटे थे।अंजली के चाचा उसे बहुत प्यार करते थे अपने बेटो से भी बढकर मानते थे।उसके चाचा का बड़ा बेटा राज खेती बाड़ी में उनकी मदद करता था और छोटा बेटा विजय गाँव से दूर होस्टल में पढ़ता था। विजय अंजली से कुछ महीने ही बड़ा था वो जब भी छुट्टियों में घर आता अपने दोस्त राहुल की ही बातें करता रहता। अंजली के दिमाग में राहुल की एक छवि बन गयी थी एक बार विजय बहुत बीमार हो गया तो वो होस्टल नहीं जा पाया। उधर राहुल विजय के ना आने से परेशान हो गया। वो कुछ दिनों में विजय से मिलने उसके गाँव आया। विजय होस्पिटल गया था चेकप करवाने घर पर सिर्फ अंजली थी। ये थी राहुल और अंजली की पहली मुलाकात। जैसे ही राहुल ने विजय का नाम लिया अंजली खुशी से चहकती हुई बोली आप हो राहुल जैसा मैने सोचा था आप बिल्कुल वैसे ही हो। राहुल ने भी उसी समय पहचान लिया कि वो अंजली है। उसने भी कहा कि तुम अंजली हो ना। अंजली को राहुल से पहली नजर में ही प्यार हो गया। लेकिन राहुल ऐसा नहीं सोचता था। दो दिन बाद राहुल और विजय होस्टल लौट गये। उठते बैठते सोते जागते बस पूरे समय अंजली राहुल के बारे में ही सोचती रहती। अंजली अपनी डायरी में अपना हर अहसास लिखती थी। अगली छुट्टियों में जब विजय घर आया तो उसे अंजली बदली बदली सी लगती वो हमेशा खोईखोई सी रहती थी। विजय को अंजली की चिंता होने लगी। एक दिन जब अंजली सो रही थी विजय ने अंजली की डायरी पढ़ी उसे पता चल गया था कि अंजली राहुल से प्यार करने लगी है। उसे लगा कि शायद ये उम्र का आकर्षण है बस लेकिन वो गलत था अंजली हर समय राहुल की यादों में खोई रहती थी। विजय को पता करना था कि क्या विजय भी अंजली को पंसद करता है लेकिन जब उसने जानना चाहा तो उसे पता चला कि राहुल के मन में ऐसा कुछ नहीं है। एक साल बीत गया था लेकिन अंजली अब भी वैसी ही थी। विजय ने सोचा शायद दोनों को मिलवाने से अंजली थोड़ा सामान्य हो जाए। कुछ दिनों में राज की शादी तय हो गयी। विजय ने राज की शादी में आने के लिए राहुल को आमंत्रित किया। राहुल भी अपने कुछ दोस्तों के साथ विजय के गाँव शादी से दो दिन पहले पहुँच गया। अंजली राहुल को देखती ही रह गयी राहुल अंजली का बर्ताव समझ नहीं पाया तब विजय ने राहुल को बताया कि अंजली उससे प्यार करती है। राहुल के पैरों तले मानो जैसे जमीन खिसक गयी। वो समझ नहीं पा रहा था कि ऐसी परिस्थिति में वो क्या करे? विजय ने कहा कि तुझे अंजली से बात करनी होगी हो सकता है कि वो तेरे मना करने पर संभल जाए। विजय ने मौका देखकर दोनों की मुलाकात करवा दी। जैसे ही राहुल ने अंजली को कुछ कहना चाहा अंजली ने राहुल को गले लगा लिया और कहा मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ आप मुझे अपनाये या ना अपनाये मैं आपके सिवा किसी के बारे में नहीं सोच सकती , अंजली बिना रूके बोलती जा रही थी। राहुल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे और क्या करे उसने अंजली को अपने से दूर किया और कहा ये ठीक नहीं है अंजली संभालो अपने आपको। ये सिर्फ एक आकर्षण है। प्यार व्यार कुछ नहीं होता। अंजली ने जैसे राहुल की बात सुनी अनसुनी कर दी हो। वो राहुल के गाल पर एक किस किया और" आई लव यू राहुल "कह कर बाहर चली गयी। विजय ने राहुल से पुछा तो राहुल भी चुपचाप सा हो गया।राहुल का पसंदीदा रंग पीला था अंजली को पीला रंग बिल्कुल पंसद नहीं था लेकिन उसने राज की शादी में सभी कपड़े पीले रंग के ही पहने। राहुल जल्द से जल्द वहा से निकलना चाहता था शादी के दिन ही वो बारात से सीधा होस्टल चला गया। अंजली को जब ये पता चला तो वो उदास हो गयी।

विजय ने अंजली को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन अंजली ने कहा वो मर जाएगी राहुल के बिना। विजय भी कुछ दिनों बाद होस्टल चला गया। विजय की पढ़ाई पूरी हो गयी थी अब बारी थी राहुल और विजय के बिछडने की। राहुल ने विजय को जाते जाते एक खत और एक गिफ्ट दिया और कहा इसे अंजली तक पहुंचा देना। विजय ने वो खत अंजली को दिया। अंजली ने वो खत नहीं पढा़ वो बस उसे हाथ में लेती और रख देती उसे लगता था कि राहुल ने कही उसे छोड़ तो नहीं दिया उसने ना तो खत पढा़ और ना गिफ्ट खोला। दिन बीतते गये विजय का जन्मदिन था अंजली छत पर बैठी थी तभी उसने देखा कि राहुल आ रहा है पर उसने सोचा ये उसका वहम है शायद कुछ समय बाद देखा तो राहुल विजय के साथ अंजली के पास आया विजय ने उन्हें बात करने के लिए अकेला छोड़ दिया। अंजली राहुल को सामने देखकर रोये जा रही थी राहुल ने कहा विजय ने बताया कि तुमने ना तो मेरा खत पढ़ा और ना गिफ्ट देखा क्यों? क्या इतने बुरे हैं हम? अंजली ने कहा मुझे भ्रम में ही जीने दो मैं खुश हूँ जैसे भी हूँ। राहुल ने कहा अगर तुम वो खत पढ़ती और गिफ्ट देख लेती तो ये सब नहीं कहती। राहुल अंजली के करीब आया और उसके आंसू पौछें। राहुल ने कहा कि मैं किसी को बहुत प्यार करता हूँ और उसके बारें में ही सोचता रहता हूँ अंजली फिर रोने लगी और राहुल ने अंजली को गले से लगा लिया और कहा "आई लव यू टू अंजली" और फिर अंजली का माथा चूम लिया। राहुल ने कहा तुमने मुझे प्यार का मतलब समझाया। मैं तो प्यार पर भरोसा नहीं करता था मुझे सब पागलपन सा लगता था लेकिन जब से राज भैया कि शादी से गया मैं सिर्फ तुम्हारे बारे में सोचता रहता वो तुम्हारा अहसास जा ही नहीं रहा था तब मुझे अहसास हुआ कि मैं भी तुमसे प्यार करने लगा हूँ। अंजली दौड़ कर अपने कमरे में गयी और उसने राहुल का दिया हुआ खत पढा और गिफ्ट खोलकर देखा तो उसमें अंजली फ्रेम की हुई तस्वीर थी और खत में अपने प्यार का इजहार किया था। विजय राहुल और अंजली के लिए बहुत खुश था उसके जीवन के दो महत्वपूर्ण इंसान एक होने वाले थे। 



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