फितरत
फितरत
आये तुम मेरी जिन्दगी
में इस तरह,
फूलों पर भँवरे मंडरायें
जिस तरह !
हम तुम्हें देख मुस्कुराये
इस तरह,
फूलों को देख तितलियाँ
मुस्कुराये जिस तरह !
फिर आया वह पल
हम मुरझाये इस तरह,
फूलों का रस चूस भँवरे
उड़ जाये जिस तरह !
एक टूटा हुआ दिल ले कर
हम रोये इस तरह,
गरजे जैसे बदरा
मेघ बरसे जिस तरह !
