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Ekta Kochar Relan

Drama

3  

Ekta Kochar Relan

Drama

फिर कैसे तुम हो पराई

फिर कैसे तुम हो पराई

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मम्मा -मम्मा आवाज़ लगाती 

सुबह से शाम हो जाती 

कुछ कहते मैं हूँ पराई 

कुछ कहते वो हुई पराई


पर मैं तो बस इतना जानूं

आज भी पापा की लाडो

माँ की मैं आँखों का नूर 

भैया मेरे सुख-दुख के साथी

चुभे काँटा भी मुझे तो,

आँख उनकी भर आती 


फिर कैसे मैं हुई पराई

फिर कैसे वो हुई पराई

भाभियां मेरे घर की शान 

वो मेरे घर की पहचान

उनकी खनखनाहट में ही 

मेरे घर की रौनक 


मेरी दोस्त सुख-दुख की साथी 

फिर कैसे मैं हुई पराई

फिर कैसे वो हुई पराई

बात कुछ समझ न आई

पिया संग जीवन में बहार 


बच्चों संग हर पल रंगीन

उन पर ही दुनिया निसार

हर रिश्ता मोती सा

हर रिश्ते में जान बसी 

कौन कहे मैं हूँ पराई


कौन कहे वो है पराई

सच में तो परिवार की डोरी 

जुड़ी आदर-सम्मान से

रिश्तों को जो निभा जाए

हर रिश्ता उस पर कुर्बान हो जाए


फिर कैसे मैं हुई पराई

फिर कैसे वो हुई पराई

जीवन की ये अजीब रीत 

मीठे रिश्ते, मीठी प्रीत


न समझो खुद को पराई 

हर रिश्ते की महक सिर्फ

तुमसे है आई

तुम हो हर घर की प्यारी

कभी माँ, कभी पत्नी,

कभी बहन, कभी नानी, कभी दादी

की डोरी से जुड़ी


फिर कैसे तुम हो पराई 

फिर कैसे तुम हो पराई।


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